बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। जन शक्ति जनता दल (JJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने चुनावी सभा के दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि बिहार में अगर महागठबंधन की सरकार बनाने की नौबत आती है, तो सत्ता की चाभी उनके पास होगी। तेज प्रताप की पार्टी राज्य में 44 सीटों पर चुनाव मैदान में है और उनका कहना है कि जनता इस बार बदलाव के साथ सामाजिक न्याय की नई परिभाषा गढ़ेगी।
नालंदा जिले के सिरदला में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा कि राजनीति धर्म और नैतिकता पर टिकी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि धर्म बचा रहेगा तो ही हम राजनीति कर पाएंगे। हम अच्छे काम में विश्वास करते हैं और जनता उसी को आगे बढ़ाएगी। अगर कोई अच्छा काम करता है तो उसकी सराहना होनी चाहिए, और अगर कोई गलत करता है तो सवाल पूछे जाना जरूरी है।”
भाई तेजस्वी पर सीधा निशाना
जनसभा में तेज प्रताप यादव ने अपने भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर अप्रत्यक्ष हमला किया। तेज प्रताप ने कहा, “जो अपने भाई का नहीं हुआ, वह जनता का क्या होगा?”
यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह एक बार फिर दोनों भाइयों के बीच रिश्तों में तनाव की ओर इशारा करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र महुआ में मेडिकल कॉलेज की नींव रखी थी। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है। “बिहार में शिक्षा का स्तर गिर चुका है। लालू जी का सामाजिक न्याय अब कहां रह गया? वह खत्म हो चुका है।”
आरजेडी में लौटने की बात से किया साफ इंकार
इस साल की शुरुआत में तेज प्रताप को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से निष्कासित किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपना अलग दल जन शक्ति जनता दल बनाया। तेज प्रताप ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब वह कभी भी आरजेडी में वापस नहीं लौटेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। उन्होंने कहा, “अगर विकल्प आरजेडी में लौटने और मरने का हो, तो मैं मृत्यु चुन लूंगा।”
रवि किशन की तारीफ ने बढ़ाई चर्चा
दिलचस्प बात यह रही कि तेज प्रताप ने भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “रवि किशन भगवान के भक्त हैं और हम भी भगवान के भक्त हैं।”
राजनीतिक विशेषज्ञ इसे तेज प्रताप की नया समीकरण बनाने की रणनीति से जोड़कर देख रहे हैं।
क्या बनेंगे किंगमेकर?
तेज प्रताप का यह दावा चुनावी परिदृश्य में नए समीकरणों की ओर संकेत देता है। यदि उनकी पार्टी 44 सीटों में से कुछ प्रमुख सीटों पर जीत दर्ज करती है और चुनाव परिणाम त्रिशंकु आते हैं, तो वे निश्चित ही किंगमेकर की भूमिका में दिखाई दे सकते हैं।
अब सवाल यह है कि जनता तेज प्रताप के इस नए राजनीतिक स्वरूप और दावों को कितना स्वीकार करती है — इसका उत्तर आने वाले चुनावी परिणाम ही बताएंगे।


