राज्य में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव अब नजदीक हैं। राज्य चुनाव आयोग ने आधिकारिक रूप से 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। इस घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है। आयोग के मुताबिक, 2 दिसंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को मतगणना की जाएगी।
मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य राज्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों ने चुनाव से जुड़ी तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी। मतदान केंद्रों की व्यवस्था, सुरक्षा तैयारियां, EVM मशीनों के रखरखाव और मतदाता सुविधा पर विस्तार से चर्चा की गई। लेकिन इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अचानक गड़बड़ी की स्थिति बन गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अज्ञात व्यक्ति ने किया हंगामा
प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी थी, पत्रकार अपने सवाल पूछ रहे थे और चुनाव आयोग उनके जवाब दे रहा था। इसी दौरान एक अनजान व्यक्ति खड़ा हुआ और सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल पूछने लगा। शुरुआत में यह व्यक्ति पत्रकारों की पंक्ति में बैठा था, जिससे लगा कि वह मीडिया से जुड़ा है।
लेकिन जैसे ही अन्य पत्रकारों को पता चला कि वह पत्रकार नहीं है, उन्होंने उसे रोक दिया। उपस्थित पत्रकारों ने सवाल खड़े किए कि गैर-पत्रकार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवेश और सवाल पूछने की अनुमति कैसे मिली?
कुछ ही मिनटों में माहौल गर्म हो गया और सुरक्षा कर्मियों ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद पुलिस ने उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया।
कौन है यह व्यक्ति?
मिली जानकारी के अनुसार, गड़बड़ी करने वाले व्यक्ति का नाम राजेश त्रिपाठी है। वह खुद को उत्तर भारतीय विकास सेना संगठन से जुड़ा हुआ बता रहा था। उसके द्वारा चुनाव आयोग से संगठन के मुद्दों पर सवाल किए जा रहे थे। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है कि उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवेश कैसे किया और उसका उद्देश्य क्या था।
राजनीतिक हलचल तेज
चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेजी से बढ़ गई हैं। राजनीतिक दल अपने संभावित उम्मीदवारों का चयन करने, स्थानीय समीकरण मजबूत करने और प्रचार रणनीतियों को तैयार करने में जुट गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी माहौल में राज्य में पक्ष बदलने और नेताओं के इस्तीफों की नई लहर देखने को मिल सकती है। स्थानीय निकाय चुनावों में अक्सर उम्मीदवारों का जनाधार और स्थानीय मुद्दे निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
आने वाले सप्ताह होंगे अहम
2 दिसंबर तक चलने वाला प्रचार अभियान राज्य में राजनीतिक तापमान को और बढ़ाएगा। चुनाव आयोग ने शांति, पारदर्शिता और निष्पक्ष मतदान की अपील की है।
स्पष्ट है कि ये चुनाव न केवल स्थानीय प्रशासनिक ढांचे को प्रभावित करेंगे, बल्कि राज्य की भविष्य की राजनीतिक दिशा तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


